नाकाम जनप्रतिनिधि चुने जाने का दंश झेल रहा ताजपुर

ताजपुर, समस्तीपुर : दुग्ध फैक्ट्री का ताजपुर से हटाया जना, विधानसभा का दर्जा समाप्त कर देना, कर्पूरीग्राम- ताजपुर- हाजीपुर रेल लाईन योजना को रद्द कर देना, चप्पल फैक्ट्री, छड़ फैक्ट्री का बंद हो जाना, गंडक प्रोजेक्ट को अधूरा छोड़ा जाना जैसे अनेकों जनविरोधी कार्य किये गये और जनता को संगठित कर संघर्ष करने के बजाय नाकाम जनप्रतिनिधि किंकर्तव्यविमूढ़ बने रहे. 20 साल तक जनप्रतिनिधि रहने के बाबजूद किसी भी विकास योजना में उनका शिलापट्ट भी नहीं ढ़ूंढ़ा जा सकता लेकिन उनकी निजी संपत्ति में हजार गुणा वृद्धि देखा जा सकता है. उपजाऊ जमीन, सस्ते श्रमिक की बहुतायत वाला प्रखण्ड को लेबर सप्लाई जोन बनाकर रख दिया गया है. जर्जर सड़क, नाला का नामोनिशान नहीं, बिजली की आंखमिचौनी, विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं में बदस्तूर भ्रष्टाचार आज ताजपुर की पहचान बनी हुई है.
ताजपुर में आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत है. आजमायें हुए नाकाम, निजी घरभरू जनप्रतिनिधि के जगह जाति, समुदाय से अलग हटकर शिक्षित, ईमानदार, संघर्षशील जनप्रतिनिधि का चुनाव वक्त की नजाकत है.अत: ताजपुरवासी ईवीएम के क्रम संख्या-5 पर टमटम छाप पर बटन दबाकर मुख्य पार्षद पद पर विजयी बनाएं.
उक्त बातें ताजपुर नगर परिषद क्षेत्र के भेरोखरा, हरिशंकरपुर बघौनी, रहीमाबाद, कस्बे आहर के मतदाताओं के बीच जनसंपर्क अभियान चलाते हुए मुख्य पार्षद पद उम्मीदवार सह चर्चित महिला अधिकार कार्यकर्ता बंदना कुमारी ने कहा. मौके पर बासुदेव राय, संजीव राय, कैलाश प्रसाद सिंह, मोतीलाल सिंह, श्याम कुमार सिंह आदि मौजूद थे.

जेटी न्यूज़

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