पलामू उपायुक्त के बालू घाट के चिन्हित करने की बुद्धिमत्ता पर तरस — रूचिर तिवारी

पलामू उपायुक्त के बालू घाट के चिन्हित करने की बुद्धिमत्ता पर तरस — रूचिर तिवारी
जे टी न्यूज

मेदिनीनगर (पलामू) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव सह राष्ट्रीय परिषद सदस्य रुचिर कुमार तिवारी सदर प्रखंड अध्यक्ष उमेश सिंह चेरो नौजवान संघ के उपाध्यक्ष आलोक कुमार तिवारी जोगेंद्र सिंह ने साल भर से बंद पड़े बालू के उठाव के बाद पलामू उपायुक्त के आदेश से बालू घाटों का 2 दिन पहले चिन्हित किया गया जिसमें कहीं से बालू का उठाव भी नहीं हुआ और 10 तारीख से 15 अक्टूबर तक बालू उठाव बंद करने की प्रक्रिया को पलामू वासियों के साथ मजाक बताया है। भाकपा जिला सचिव श्री तिवारी ने पलामू उपायुक्त को उनकी सद्बुद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना किया है और उन्होंने कहा कि 1 साल से बंद पड़े बालू के उठाओ पर पलामू उपायुक्त ने कोई संज्ञान नहीं लिया और 2 दिन पहले पूरे घाट को चिन्हित कर कह दिया कि पंचायत स्तर पर बालू का उठाव होगा अगर ऐसे ही पलामू जिला में काम करते रहे तो आम जनता एवं गरीबों को बेरोजगारी एवं भुखमरी का दंश झेलना पड़ेगा पलामू के उपायुक्त नेता के रूप में काम कर रहे हैं और पलामू की भोली भाली जनता को बेवकूफ समझ रखा है तभी ऐसा मजाकिया कार्य बालू के उठाव का कागज पर ही 2 दिन के लिए कर दिया।

उनके इस कार्य से पलामू के व्यवसायियों उद्योगपतियों मजदूरों किसानों में उनकी विद्वत्ता पर प्रश्न खड़ा उठ गया है वही प्रदेश की कांग्रेस गठबंधन की सरकार पलामू के भाजपा कांग्रेस जेएमएम के नेता सभी लोग बालू के मुद्दे पर मौन व्रत धारण किए हुए। ऐसी परिस्थिति में पलामू के जनता के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है पलामू में जितने भी प्रधानमंत्री आवास लंबित है और अगर उन पर वीडियो और पलामू डीसी सर्टिफिकेट केस करते हैं तो उनके खिलाफ मैं उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने के लिए मैं तैयार हूं।

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