भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन के द्वारा डॉo लोहिया की जयंती मनाई गई

भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन के द्वारा डॉo लोहिया की जयंती मनाई गई

जे टी न्यूज, दरभंगा(विष्णुदेव सिंह यादव):
भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन , दरभंगा के बैनर तले ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में डॉ०राम मनोहर लोहिया के विचारों की प्रासंगिकता’ विषय पर स्थानीय प्रबुद्धजनों की एक गोष्ठी आयोजित की गयी। दोपहर
12 बजे दिन से अपराह्न 3-30 तक चली गोष्ठी में दर्जन भर वक्ताओं ने विषयगत संदर्भ में अपने-अपने विचार रखे। सामाजिक चिंतक और कवि शंकर प्रलामी ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने सम्बोधन में कहा कि डॉ ०लोहिया के राजनीतिक और सामाजिक चिंतन वर्तमान दौर में आवश्यक ही नहीं,अपरिहार्य हो उठे हैं। राजनीतिक मूल्यों का जिस गति से क्षरण हो रहा है और जाति-धर्म की आड़ में नागरिक अधिकारों और लोक संस्थानों पर जिस तरह नित्य हमले किये जा रहे हैं ,लोकतंत्र का बच पाना मुश्किल है।
वक्ताओं में जेपी सेनानी रतन श्रीवास्तव ने कहा कि उनको आपातकाल में 19 महीने जेल में रहना पड़ा, मगर आज के अघोषित आपातकाल की स्थिति उस दौर से कई गुना ज्यादा भयावह है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संगठन के जिलाध्यक्ष से०नि० शिक्षा उप निदेशक दिनेश साफी ने कबीर-रैदास-तुलसी को उद्धृत करते हुए कहा कि जातीय-धार्मिक उन्माद से देश की आम जनता जूझ रही है। शिक्षा और रोजगार को अस्म लोगों की पहुंच से बाहर किया जा रहा है।
गोष्ठी में सर्व वीरेंद्र यादव, कलीमुद्दीन राही, तासिम नवाब और प्रो०कुंदन महतो सहित महिला राजद प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष यास्मीन खातून ने भी अपने विचार व्यक्त किये!


आयोजक संगठन के अध्यक्ष उमेश राय ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि लोहिया ने हमेशा आदिवासी-दलित-पिछड़े-अल्पसंख्यकऔर महिला सहित गरीब-गुरबों की आवाज रहे। आज सबसे ज्यादा खतरा इसी समाज पर हो रहे हैं। आज।लोहिया के बताये रास्तों पर चलकर ही देश-राज-समाज को बचाया जा सकता है।
धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी समापन की घोषणा की गयी।

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