लॉक डाउन पार्ट 2 की घोषणा: 3 मई तक बढ़ा लॉकडाउन,कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी का ऐलान

देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा'नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों'

लॉक डाउन पार्ट 2 की घोषणा: 3 मई तक बढ़ा
लॉकडाउन,कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी का ऐलान

देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा’नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों’

आर.के.रॉय/संजीव मिश्रा

नई दिल्ली: आखिरकार लॉक डाउन पार्ट 2 की घोषणा मंगलवार सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन में की गयी।

पीएम मोदी ने कहा कि देश पूरी मजबूती के साथ कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है। जिस तरह से देशवासियों ने त्याग और तपस्या का परिचय दिया है, वह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि मंगलवार को खत्म हो रही थी।

– पीएम मोदी ने कहा कि मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। इसलिए हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी।

जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा।

पीएम मोदी ने कहा कि सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा, यानी 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है जैसे हम करते आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना जिस तेजी से फैल रहा है उसने दुनियाभर में सरकारों और हेल्थ एक्सपर्टों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कैसे बढ़े, हम विजयी कैसे हों, हमारा नुकसान कैसे हो, लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो, इन बातों को लेकर राज्यों के सात मैंने निरंतर चर्चाएं की हैं। सबका यही सुझाव यही आता है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्यों ने पहले ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं।

देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई काफी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आप सभी देशवासियों की तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा है। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है। हमारे इस भारतवर्ष को बचाया है। मैं जानता हूं आपको कितनी दिक्कतें आई हैं। किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी, तो कोई घर-परिवार से दूर है, लेकिन आप देश की खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं आप सबको आदरपूर्वक नमन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, आज पूरे विश्व में कोरोना की जो स्थिति है, हम सब उससे परिचित हैं। अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी। जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज 100 तक पहुंचे, उससे पहले विदेश से आए हर यात्रियों के लिए भारत ने 14 दिनों का आइसोलेशन शुरू कर दिया था। मॉल, जिम आदि को बंद कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि जब हमारे यहां कोरोना के 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण भारत के लॉकडाउन का एक अहम और बड़ा कदम उठा लिया। हमने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही दिखी उसी समय उसे रोकने का प्रयास किया।
पीएम मोदी ने हा कि वैसे यह ऐसा संकट है, जिसमें किसी भी देश के साथ उचित नहीं है। मगर फिर भी कुछ सच्चाइयों को नकार नहीं सकते। ये भी एक सच्चाई है कि दुनिया के सामर्थ्यवान देशों की तुलना करें तो भारत आज बहुत ही संभली हुई स्थिति में है। महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में एक तरह से भारत के बराबर खड़े थे। आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के केस 25 से 30 गुना बढ़ गए हैं। उन देशों में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। भारत ने सही अप्रोच नहीं दिखाया होता और सही फैसले नहीं लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती, इसकी कल्पना करते ही रोएं खड़े हो जाते हैं। मगर बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में वही हमारे लिए सही है।
उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का लाभ देश को मिला है। सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो यह महंगा जरूर लगता है, मगर भारतवासी की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनियाभर में हो रही है।
इस बीच प्रधानमंत्री संविधान निर्माता भीम राव अम्बेडकर को याद करना नहीं भूले,उन्होंने बाबा साहब को नमन किया।
कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी ने मांगा लोगों से सात का साथ
पहली बात-
अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें एक्ट्रा केयर करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
दूसरी बात- लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें। घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें।
चौथी बात- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।

पांचवी बात-जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें। उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
छठी बात-आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।
सातवीं बात-देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।

अंत में मोदी जी ने कहा कि अगले 6 दिन काफी महत्वपूर्ण रहनेवाले है,इनदिनों में अगर सब कुछ सामान्य रहता है या जहाँ की स्थिति कुछ सामान्य रहती है वहां के स्थितयों का अध्यन कर 20 तारीख को कुछ शर्तों के साथ छूट दी जा सकती है।

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