*महिला सुरक्षा के लिए तुरंत घरेलू हिंसा विरोधी हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाय- रामपरी*

*महिला सुरक्षा के लिए तुरंत घरेलू हिंसा विरोधी हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाय- रामपरी*

*महिला सुरक्षा के लिए तुरंत घरेलू हिंसा विरोधी हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाय- रामपरी*

*पीएनपीडीटी एक्ट को कमजोर करना चिंताजनक*

ठाकुर वरुण कुमार।

पटना::- सीपीआईएम कि राज्य सचिव मंडल सदस्य रामपरी ने कहा है कि लॉक डाउन के दौरान सबसे अधिक महिलाएं और बच्चियां हिंसा की शिकार हो रही है। इसके लिए संयूक्त राष्ट्र ने भी चिंता व्यक्त की है।

घरेलू हिंसा में विश्व स्तर पर बढोतरी हुई है वही भारत में सिर्फ़ 11दिनों में सरकारी हेल्प लाइन के अनुसार महिला हिंसा की 92000 शिकायतें दर्ज हो चुकी है। इसी बीच बिहार में कई घटनाएं सामने आई है,

जहानाबाद में इलाज और एंबुलेंस के अभाव में एक बेबस मां अपने बच्चे को दम तोड़ते देखती रही, गया के अस्पताल में एक महिला मरीज के साथ बलात्कार की घटना, उसी प्रकार खगौल में एक बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सामने आई।

यह बहुत हीं दु:खद और शर्मनाक है। लॉक डाउन के दौरान महिलाओं और बच्चियों के लिए सबसे अधिक खतरा वही है जहां उन्हें सबसे ज्यादा सुरक्षित होना चाहिए। सबसे अधिक संवेदनशील तबका जो झुग्गी झोपड़ी में रहती है वह ज्यादा असुरक्षित है।

वही लड़कियां व युवा साइबर क्राइम का दंश झेल रही है। राज्य महिला आयोग एंव महिला हेल्प लाईन के अनुसार बिहार में रोज करीब एक दर्जन घटना घरेलू हिंसा, यौन हिंसा,छेड़खानी का फोन पर दर्ज होता है।

वैसे में करोना वायरस से आम जनता की सुरक्षा के साथ साथ महिला सुरक्षा की गारंटी सरकार को तुरंत करनी चाहिए।

बजाय इसके पीएनपीडीटी (भूर्ण निर्धारण परीक्षण) एक्ट को जून तक के लिए ढीला करने का निर्णय लिया है जो काफी चिंता का बिषय है। इसका विरोध करते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालाय को पार्टी ने पत्र लिख कर इसे वापस लेने की मांग की हैं।

पार्टी मांग करती है की महिला सुरक्षा के लिए तुरंत घरेलू हिंसा विरोधी हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाय और बढ़ते महिला हिंसा पर रोक लगाई जाए।

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