प्रखंड क्षेत्र में हर घर नल का जल योजना बना हाथी का दांत , जलापूर्ति के नाम पर हो रही है खानापूर्ति

जेटी न्यूज़, वीरपुर (बेगूसराय)-: मुख्यमंत्री नितीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल योजना वीरपुर प्रखंड क्षेत्र में केवल हाथी का दांत बनकर रह गया है। सुशासन बाबू की सरकार बिहार के हर परिवार तक साफ जल पहुंचाने का लाख हवाई दावा कर ले, पर वास्तविकता है कि विभाग एजेंसियों व ठीकेदारों ने उनके ड्रीम प्रोजेक्ट पर काला ग्रहण लगा दिया है। लोग परेशान हैं वही ठीकेदार जेब गरम कर चैन की निंद सो रहा है।

प्रखंड के डीहपर पंचायत के वार्ड 02 में पिछले तीन माह से टंकी स्ट्रेचर पर से गिरकर जमीन पर पड़ा है। टंकी तो लगी थी पर नल से आज तक पानी का एक बूंद भी नहीं टपका है। वार्ड 4 सहित अन्य वार्डों में लोग डब्बे का पानी खरीदकर पीने को विवश हैं। क्योंकि नल से जो जल दिया जा रहा है वह नमकीन है रखने के बाद पीला हो जाता है।

वहीं नौला पंचायत के वार्ड 1 में पिछले तीन माह से जल की आपूर्ति बाधित है। वार्ड के करीब 150 लोगों को नल का कनेक्शन आज तक नहीं मिला है। वार्ड 02 में जल की आपूर्ति नियमित नहीं की जा रही है । नल का पानी नमकीन है जिसका उपयोग लोग पीने के लिए नहीं करते हैं।इसी वार्ड में करीब 60 लोगों को नल का कनेक्शन आज तक नहीं मिला है। वही इसी पंचायत के वार्ड चार में पिछले 6 महीने से जल की नियमित आपूर्ति बाधित है। 10 लोगों को आज तक नल का कनेक्शन नहीं मिला है। वही गेन्हरपुर पंचायत के वार्ड 3,6,11,13 में बोरिंग तो किया गया है लेकिन आज तक न तो टंकी लगी है और न ही लोगों को कनेक्शन मिला है। वार्ड 13 में पिछले करीब 15 दिनों से जल की आपूर्ति नहीं की जा रही है। वही जगदर पंचायत के वार्ड 1 एवं 2 में पिछले 2 माह से जल की आपूर्ति नहीं हो रही है। वार्ड 02 में करीब 60 लोग नल के कनेक्शन से वंचित हैं। वार्ड 8 में जल की आपूर्ति बाधित है तथा 80 परिवार को नल का कनेक्शन नहीं मिला है। वार्ड 9 में पाइप बिछाने का कार्य अधूरा है 6 माह बाद भी नल से एक बूंद पानी नहीं टपका है। यही स्तिथि वार्ड 11 का भी है यहाँ काम अधूरा है नल से पानी का सप्लाई आज तक नहीं हुआ है। पर्रा पंचायत के वार्ड 7 में करीब 100 लोगों को वार्ड 4 में 25 लोगों को व वार्ड 5 में 25 लोगों को नल का कनेक्शन आज तक नहीं मिल सका है। प्रखंड के लगभग सभी पंचायतों की यही कहानी है। कहीं लाभुक आरोप लगा रहे हैं कि केयर टेकर पानी सप्लाई में मनमानी करता है। कही कही से तो जानकारी यह भी मिल रही है कि केयर टेकर अपना खेत पटाने, मवेशी धोने यानि अपने जरूरत के हिसाब से नल को चालू करता और रिचार्ज समाप्त होने का हवाला देकर कई कई दिनों तक जल की आपूर्ति बाधित कर देता है।

जब लोग स्थानीय जन प्रतिनिधि को इस समस्या से अवगत कराते हैं तो सिर्फ आश्वासन मिलता है समाधान नहीं। केअर टेकर को आज तक मानदेय नहीं मिला है।वही जनप्रतिनिधियों ने इस संबंध में बताया कि नल जल योजना का काम पीएचईडी विभाग द्वारा करवाया गया है।नल जल की आपूर्ति व रखरखाव अगले पांच वर्षों तक संबंधित एजेंसी करेगी। जिसमें पंचायत सरकार की कोई भूमिका नहीं है। लोगों की शिकायत एजेंसी व विभाग तक पहुंचाते हैं तो नहीं के बराबर ही समाधान होता है। अब सवाल उठता है कि हर घर नल का जल योजना कही अधेरी सुरंग तो नहीं बन गया है? एक ऐसा सुरंग जिसमें जनता अंधेरे में चक्कर लगाने को विवश है। वहीं विभाग, ठीकेदार व एजेंसी जेब गरम कर कुंभकर्णी निंद्रा में सो रही है।आखिर निंद्रा खुलेगी कब?

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