*बिहार के मुख्यमत्री से किसान सभा ने किया मांग*

*बिहार के मुख्यमत्री से किसान सभा ने किया मांग*

ठाकुर वरुण कुमार।

पटना::- बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव, पश्चिम चम्पारण के जिला सचिव चांदसी प्रसाद यादव, पश्चिम चम्पारण खेतिहर मजदूर यूनियन के सचिव प्रभु नाथ गुप्ता ने मांग करते हुए कहा है

कि 14 अप्रैल की रात्री में आई आंधी, तूफान, ओलावृष्टि एवं वर्षा से पश्चिम चम्पारण के बैरिया, योगापट्टी, नौतन, गौनाहा, रामनगर आदि प्रखंडों में गेहूं, मक्का, मसुर, आम, लीची आदि को भारी नुकसान हुआ है। जो गेहूं काट दिया गया है,

वह भिंग गया, जो गेहूं खड़ा है उसका 75% गेहूं का दाना खेतों में झड़ गया।उसी तरह मक्का के फसल भी ओला से क्षत-विक्षत होकर गिर गया है। इसकी जांच कर 30 हजार रुपए प्रति एकड़ के दर से किसानों को मुआवजा दिया जाय।

किसान अपने रबी फसल की कटाई, अनाज की ढ़ुलाई और बिक्री के लिए लाभकारी बाजार की चिंता में परेशान दिख रहे हैं। लेकिन उनके लिए प्रधानमंत्री के पास एक शब्द नहीं है। जबकि फसल में लागत के डेढ़ गुणा दाम यानी गेहूं का दाम ₹2350 प्रति क्विंटल देना था। लेकिन बिहार सरकार ₹1935 प्रति क्विंटल की दर से घोषणा की है। बेकार पड़े मनरेगा मजदूरों से रबी की कटनी कराकर उन्हें काम दिया जाय। साथ ही 15 अप्रैल से सभी पंचायतों में अनाज खरीदने की गारंटी दिया जाय।

गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर बकाए खरबों रुपए पड़े हुए हैं, आपदा की इस घड़ी में सरकार द्वारा चीनी मिलों पर दबाव बनाया जाय कि ब्याज सहित उनके पैसे का भुगतान किया जाय।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फसल कटाई पर चिंता जताई है। लेकिन मनरेगा मजदूरों द्वारा फसल काटने की अनुमति अबतक नहीं दिया गया है। काम नहीं देने पर सभी मजदूरों को तीन महीने तक बेरोजगारी भत्ता ₹5000 प्रति माह के हिसाब से दिया जाय।

राशन कार्ड के सीमा को समाप्त कर सभी जरूरतमंदों को मुफ्त राशन एवं 5 हजार रुपए तत्काल प्रभाव से दिया जाय। बिहार से बाहर फंसे हजारों मजदूरों पर 14 अप्रैल को मुंबई और गुजरात में लाठी चार्ज कर खदेड़ने की घटना को गंभीरता से लें उनके खाने, रहने की गारंटी तथा सबको 5 हजार रुपए की सहायता तत्काल प्रभाव से दिया जाय। साथ ही मजदूरों के बकाए पैसे काम कराने वाले मालिकों से अविलंब दिलाया जाय।

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