राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार के तत्वावधान में श्रद्धांजलि सभा सम्पन्न

राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार के तत्वावधान में श्रद्धांजलि सभा सम्पन्न

जे टी न्यूज़

समस्तीपुर : राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार के तत्वावधान में संसार की महान स्वर साधिका भारतरत्न सुश्री लता मंगेशकर जी को समर्पित श्रद्धांजलि सभा का आयोजन वेबीनार के माध्यम से संस्था के महानिदेशक पंडित देवेन्द्र वर्मा “ब्रजरंग” के नेतृत्व में 6:00 बजे सन्ध्या में आयोजित किया गया। श्रद्धांजलि सभा का सफल संचालन डॉ. बाला लखेन्द्र, एसोसिएट प्रोफेसर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने किया। सर्वप्रथम एक मिनट का मौन रखकर लता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, तदुपरांत बिहार से भ्राताद्वय अंशुमान आर्यन एवं आयुष्मान आर्यन ने लता जी को समर्पित सरस्वती वंदना ‘जय जय हे भगवती सुर भारती’ का सस्वर गायन प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि के रूप में राजीव गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश के माननीय कुलपति प्रोफेसर साकेत कुशवाहा ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये एवं ग्रामीणों तक आकाशवाणी के माध्यम से कृषि संबंधी जानकारी को सुगमता से पहुंचने के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य विषय ‘संगीत के संरक्षण और संवर्धन में आकाशवाणी एवं दूरदर्शन की भूमिका’ विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में आकाशवाणी और दूरदर्शन के अवकाश प्राप्त महानिदेशक श्री लीलाधर मंडलोई ने आजादी के बाद संगीत के गायन एवं वादन विधाओं में कर्नाटक शैली एवं हिंदुस्तानी शैली के लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, आदिवासी संगीत सुगम संगीत के संबंध में आकाशवाणी की महती भूमिका से श्रोताओं को रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी में लता जी सहित पंडित रविशंकर, पंडित पन्नालाल घोष, अनिल विश्वास सहित नामचीन कलाकारों से सहयोग प्राप्त कर संगीत को जन-जन तक पहुंचाया गया। इसमें प्रोफेसर डॉक्टर विश्वनाथ शर्मा कुलपति, अरुणोदय विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश ने लता जी के सम्मान में सस्वर गीता पाठ कर उनकी आत्मा को शांति हेतु कामना की । समारोह को दो दो विश्वविद्यालयों में कुलपति पद पर सेवा दे चुकी मूर्धन्य कथक नृत्य विदुषी प्रोफेसर डॉ पूर्णिमा पांडे ने अपने अंदाज में लता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सभा को संचालित करते हुए डॉ बाला लखेंद्र ने कहा कि स्वर साम्राज्ञी लता जी को संगीत के द्वारा श्रद्धांजलि देना उपयुक्त माध्यम है। इस कड़ी में डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर मध्य प्रदेश से डॉक्टर राहुल स्वर्णकार, ग्वालियर से प्रोफेसर भगवान दास मानिक, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला, पंजाब से डॉ.कंवलजीत सिंह, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा से प्रोफेसर लावण्या कीर्ति सिंह ‘काव्या’, जयपुर घराना की सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना एवं गुरु विदुषी नंदिनी सिंह ,आगरा से प्रोफेसर राजीव कुमार भटनागर, चंडीगढ़ से डॉक्टर महेंद्र प्रसाद शर्मा ‘बमबम’,उदयपुर राजस्थान से श्याम सुंदर नागर, समस्तीपुर बिहार से मुकेश केसरी, मंगलेश कुमार, सुप्रसिद्ध गीत रामायण गायक एवं तबला वादक श्री अभय मानके, डॉ. अंजू मुंजाल, डॉ.गौरव शुक्ल, शिल्पा दीक्षित सहित दर्जनों अन्य विद्वानों एवं कला साधकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। अंत में संस्था के महासचिव प्रख्यात तबला वादक सुसमय मिश्रा ने भारत रत्न महान गायिक लता जी की श्रद्धांजलि सभा में देश के विभिन्न प्रदेशों से जुड़े विद्वत जनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया एवं संगीत के प्रचार प्रसार के उद्देश्य की प्राप्ति हेतु अगले कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु आमंत्रण दिया।

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