संविधान के आठवीं अनुसूची मे मैथिली भाषा की मान्यता प्राप्त को ले कई पीढ़ियों ने संघर्ष किया: नवोनारायण

संविधान के आठवीं अनुसूची मे मैथिली भाषा की मान्यता प्राप्त को ले कई पीढ़ियों ने संघर्ष किया: नवोनारायण

जे टी न्यूज़, मधुबनी : ऐतिहासिक दिन समस्त मिथिलावासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।आज ही के दिन 22 दिशम्बर को लंबे संघर्ष के बाद मैथिली भाषा को भारत के संविधान के आठवीं अनुसूची मे संसद द्वारा मान्यता प्रदान किया गया।अपने इस भाषिक अधिकार को प्राप्त करने के लिए मिथिला के कई पीढ़ियों ने संघर्ष किया। हमें अपने अधिकार के साथ-साथ अपने कर्तव्य को भी समझना होगा।अपनी मातृभाषा को बचाने के लिए हमें अपने परिवार के स्तरपर साकांक्ष रहें,नयी पीढ़ी से संवाद अपनीहमातृभाषामे ही हो इसका ध्यान रखें।उक्त बात आज जिला प्राथमिक शिक्षक संघ भवनमे मैथिली साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति,मधुबनी के द्वारा आयोजित ‘मैथिली अधिकार दिवस’ कार्यक्रम‌को मैथिली भाषा आन्दोलनी, कोकिल मंच कोलकाता के पूर्ब सचिव नवोनारायण मिश्र ने कही। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष प्रीतम निषाद ने कहा मैथिली मिथिलावासी के स्मिता से जुड़ा है इसलिए हरहाल में हमें अपनी मातृभाषा कोज्ञबचाना है।क्षेत्र के नामपर कुछ लोग मैथिली भाषा को कमजोर करने पड़ लगे हैं इससे सावधान रहने की जरूरत है।

सम्पूर्ण मिथिला के बहुसंख्य लोगों की मातृभाषा मैथिली है।साहित्यकार और भाषा अभियानी दिलीप कुमार झा ने कहा हमारे पूर्वजों बहुत कठिनाइ से मैथिली को स्थान दिलाया है।मैथिली का सम्मान और स्थान को सुरक्षित रखना आज के युवा पीढ़ी का दायित्व है।मिथिला के समक्ष आज सबसे बड़ी चुनौती है प्राथमिक पाठशालाओं में शिक्षा का माध्यम बने मैथिली।हमारे आनेवाले संतति अपनी मातृभाषा के लिखित रूप से अपरिचित हो रहे हैं,जिसके लिए स्कूलों मे शीघ्र ही इसे लागू किया जाय।सरकार की नई शिक्षा नीति-2020 का मूल सिद्धान्त भी यही और है। साहित्यकार अजित आजाद ने कहा कि मैथिली कार्यकर्ताओं को दलगत भावना से उठना चाहिए।

मैथिली के लिए सबकोआगे आने चाहिए।कार्यक्रम का संचालन समिति के पूर्ब कोशाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्र ने किया।अतिथियों का स्वागत सचिव सुमन कुमार ने किया।कार्यक्रमे मैथिली आन्दोलनी चन्द्र मोहन झा पड़बा, उदय जयसबाल,डा.शुभ कुमार बर्णवाल,ज्योतिरमण झा बाबा,कल्पना सिंह,ललिता झा,बी.एन झा,डा.रवीन्द्र झा,कमलेश प्रेमेन्द्र,महादेव मिश्र,जीबछ ठाकुर,मालती मिश्र,रेवतीरमण झा,चण्डेश्र्वर खाँ,गणेश लालदास,सतीश चन्द्र मिश्र सुमनजी,मिहिर कुमार मिश्र।

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